December 1, 2024
अमित शाह का वो किस्सा जिसने मोदी को PM NARENDRA MODI बनाया

अमित शाह का वो किस्सा जिसने मोदी को PM NARENDRA MODI बनाया

अमित शाह का वो किस्सा जिसने मोदी को PM NARENDRA MODI बनाया

“जिसने Narendra Modi को PM Narendra Modi बनाया… किस्सा Amit Shah का”
लोक सभा चुनाव से पहले मार्च 2014 को दिल्ली में कोर कमेटी की बैठक चल रही थी. और मथंन चल रहा था कि PM उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को किस जगह से चुनाव लड़वाया जाए. तभी एक सधी हुई आवाज कोर कमेटी की बैठक में लोगों को सुनाई दी कि नरेन्द्र मोदी यू.पी से चुनाव लड़ेगें.यू.पी में जाति और धर्म के जाल को काटना हैं तो PM उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को यू.पी से ही चुनाव लड़वाना होगा.

इस तरह से नरेन्द्र मोदी नें यू.पी के वाराणसी से चुनाव लड़ा उसके बाद क्या हुआ ये पूरा देश जानता है, लेकिन वो शख्स आखिर था कौन वो थे भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह वो अमित शाह जिन्होंने नरेन्द्र मोदी को PM नरेन्द्र मोदी बनाया,वो अमित शाह जिनके कार्य काल में भाजपा नें पूरे रिकार्ड तोड़ डाले. वो अमित शाह जिन्होंने 16 साल की उम्र में RSS से जुड़ गये नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की पहली मुलाकात संघ के शाखा के दौरान हुई. वो था साल 1980 लेकिन इनकी दोस्ती हुई 1987 में जब दोनो ने RSS से भाजपा में कदम रखा ये वो वक्त था जब साल 1986 में लाल कृष्ण आडवानी को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया और इसके बाद RSS ने अपने वर्करों कों भाजपा में ज्वाइन करवाना शुरु कर दिया था नरेन्द्र मोदी और अमित शाह में एक समानता थी वे दोनो लीग से हट कर सोचते थे और यही बात उन्हे बाकी RSS वर्करों से अलग करती थी.

अमित शाह को पहला ब्रेक थ्रू मिला साल 1991 जब उन्हे गांधी नगर से चुनाव लड़ रहे लाल कृष्ण आडवानी के कैम्पेन का जिम्मा सौंपा गया उस समय तक नरेन्द्र मोदी और अमित शाह में गहरा दोस्ताना हो चुका था साल 1995 में भाजपा ने जब रहली बार गुजरात में सरकार बनाई उसमें भी नरेन्द्र मोदी और अमित शाह नें अहम भूमिका निभाई थी अमित शाह नें सक्रिय राजनीति में कदम रखा साल 1997 में जब उन्होंने गुजरात की सरखेज सीट से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा कहा जाता है कि अमित शाह को टिकट दिलवाने में मोदी का काभी अहम योगदान था.

लेकिन अमित शाह भी मोदी के पीछे कंधे से कंधा मिलाकर हर जंग में उनके साथ खड़े रहे साल 1998 में जब केसू भाई पटेल दोबारा से गुजरात के सी.एम बनें और उन्होंने मोदी से कन्नी काटनी शुरु कर दी तब भी अमित शाह अकेले ऐसे नेता थे जो नरेन्द्र मोदी के पीछे इस जंग में चट्टान बनकर खड़े रहे वो अकेले ही ऐसे नेता थे जो मोदी के लिए गुजरात में सकारात्मक माहौल तैयार करते रहे जिसके चलते साल 2001 में नरेन्द्र दामोदरदास मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बनें इसके बाद साल 2002 में अमित शाह की मेहनत रंग लायी जब उन्हे गुजरात सरकार में होम मिनिस्टर बनाया गया इसके बाद शाह ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा वे धीरे-धीरे भारतीय राजनीति के सफलता की सीढ़िया चढ़ते गये और अमित शाह का वो दौर आया जिसका उन्हे बेसब्री से इंतजार था और अमित शाह ये अच्छे से जानते थे कि पार्टी के पास नरेन्द्र मोदी के छवि के जैसा मजबूत नेता और कोई नही है शाह ने 2014 के लोक सभा चुनाव में पार्टी महासचिव के तौर पर कार्य किया और प्रचण्ड बहुमत मिला.

भाजपा अकेले अपले दम पर 282 सीटें जीतने में कामयाब रही और नरेन्द्र मोदी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.शाह कड़े फैसले लेने में कभी पीछे नही हटते जिसकी पहली मिसाल देखने को मिली साल 2014 में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में जंहा शाह ने क्षेत्रीय पार्ट्रियों अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया. और दोनो राज्यों में BJP की सरकार बनी साल 2017 में अमित शाह को यू.पी विधानसभा चुनाव का कमान सौंपी गयी. और BJP ने 403 सींटों में से 312 सीटें जीतकर यू.पी में सरकार बनाई अब बारी थी 2019 लोकसभा चुनाव की इसमें भी अमित शाह का नारा था अबकी बार 300 के पार और जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आये तो भाजपा ने इतिहास रच दिया और में 2019 एक बार फिर मोदी की सरकार बनी अब बारी थी यू.पी विधानसभा चुनाव 2022 की जिसमें बीजेपी गठबंधन ने करीब 269 सीट जीतकर यह जता दिया कि अगले 5 साल तक देश के सबसे बड़े सूबे में योगी का बुल्डोजर चलेगा.