December 1, 2024
एक कहानी मिलकर रहने की

एक कहानी मिलकर रहने की – बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी

यह बेस्ट मोटिवेशनल कहानी मिलकर रहने की सकारात्मकता को दिखाता है |

कहानी ऐसी है की एक आदमी को जानवर और पक्षी पालने का बहुत शौक था | वह उन्हें पालता और उचित दाम मिलने पर बेचता जिससे उसका गुजारा चलता था |

आदमी के परेशानी का कारण क्या था ?

एक बार की बात है उसके पास तब एक तोता , एक मुर्गा और एक बकरा बचा था | वह सोच रहा था की जिसको भी उधर दिया है उनसे पैसे मिल जाते तो किसी दिन शहर से और कुछ जानवर ले आये |

इन्ही बीच उसके घर में एक चूहा आ गया |

एक कहानी मिलकर रहने की

सब कुछ तो ठीक था लेकिन वह आदमी चूहे की हरकत से बहुत परेशान हो गया था | क्योकि वह कोई भी सामान कुतर देता था और पता चलने पर बीवी बहुत चिल्लाती थी |

हद तो तब हो गई जब चूहे ने एकदम नई साड़ी कुतर दी जो अभी दो दिन पहले उस आदमी ने अपनी बीवी को उपहार स्वरुप दिया था |

बीवी देखते ही गुस्से से पागल हो गई और बोली कि अगर इस चूहे को नहीं भगा सकते तो मुझे घर से भगा दो मैं चली जाऊंगी |

आदमी भी बहुत परेशान था अंततः वह एक चूहा पकड़ने की चूहेदानी लाता है |

चूहे की मदद कौन करता है ?

अब आदमी सोचता है कि इस चूहे को भगा करके ही दम लेना है | चूहेदानी को देखकर चूहा बहुत परेशान हो गया |

वह तोते के पास गया बोला कि तुम मेरी कुछ मदद करो नहीं तो ये मुझे पिंजरे में बंद कर देंगे | तोता बोला तुम्हारी परेशानी से मुझे क्या लेना देना | जाओ यहाँ से मई तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता |

फिर वह मुर्गे के पास गया बोला मेरी मदद करो | मुझे बचा लो | मुर्गा बोला तुम्हारी प्रॉब्लम तुम जानो और उसने भी मदद करने से मना कर दिया |

फिर वह मदद मांगने बकरे के पास गया | बकरा भी यही बोला कि यह गलती करने से पहले तुमको सोचना चाहिए था | तुम गलती किए हो उसमें मैं क्या कर सकता हूं |

मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता और हाँ ,जो तुम यहां से नहीं गए तो मैं भी फंस जाऊंगा |

एक कहानी मिलकर रहने की

अंत में वह एकदम उदास मन से अपनी बिल में दुबक गया |

रात हो गई थी | सब सो रहे थे की औरत को खट की जोर से आवाज सुनाई पड़ती है |

औरत की तबियत ख़राब कैसे हुई ?

वह सोचती है कि चूहा तो अब चूहा दानी में फंस गया | वह जल्दी-जल्दी में चूहेदानी के पास जाती है | अंधेरा होने की वजह से वह कुछ देख नहीं पाती है लेकिन उसे कुछ काट लेता है |

उँजाला कर के देखा तो सब के होस उड़ गए थे | दरअसल वह चूहा नहीं था एक जहरीला सांप था |

वह सांप चूहा को खाने के लिए आया था और चूहे को ना खा पाया वह चूहेदानी में जाकर फंस गया | सांप ने काट लिया है तो अब जल्दी जल्दी औरत को अस्पताल लेकर के जाया गया कि अगर इसका सही से उपचार न किया जाए तो यह मर जाएगी |

किसकी बलि कब दी गई ?

अस्पताल जाने के बाद डॉक्टर ने बोला कि यह ठीक हो जाएगी अगर इस तोते का सूप पिला दिया जाए | अब आदमी सोचा कि कहां जाकर के मैं तोते का सूप खरीदूं ? इससे बढ़िया यही घर में एक तोता है उसी का सूप बनाकर पिला दिया जाए |

अब औरत की हालत सुधरी और वह घर आ गई थी | उसे देखने के लिए मेहमानों का आना-जाना लग गया | एकदिन मेहमान आ गए तो उनके खाने के इंतजाम में मुर्गे की बलि दे दी गई |

कुछ दिन और बीतता है | औरत अब एकदम से स्वस्थ हो गई | व्यक्ति ने सोचा जब सब ठीक हो गया है तो छोटी पार्टी भी हो जाये | अबकी बार पार्टी में बकरे की बलि चढ़ गई |

यह सब चूहा देख रहा था | वह सोच रहा था काश उस दिन मेरी मदद किसी ने भी कर दी होती तो सायद यह दिन किसी को न देखना पड़ता |

एक कहानी मिलकर रहने की

कहानी से सीख

छोटी सी कहानी मिलकर रहने की है जो यह बताती है की जीवन में अगर हम सबके साथ रहेंगे तो सब कुछ ठीक रहेगा | हर एक समस्या का समाधान मिल सकता है |

नहीं तो एक एक कर सब टूटता चला जायेगा और हम हाथ पर हाथ रखे रह जायेंगे | एक कहावत है न की ” अपने सिर्फ़ वो नहीं होते जो तस्वीरों में साथ खड़े होते हैं बल्कि अपने तो वो होते हैं जो तकलीफों में साथ खड़े होते हैं |”

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