December 1, 2024
अयोध्या मे प्रभु श्री राम के होने का साक्ष्य जिसे कोर्ट को भी मानना पड़ा

अयोध्या मे प्रभु श्री राम के होने का साक्ष्य जिसे कोर्ट को भी मानना पड़ा

अयोध्या मे प्रभु श्री राम के होने का साक्ष्य जिसे कोर्ट को भी मानना पड़ा

अयोध्या मे प्रभु श्री राम के होने का साक्ष्य जिसे कोर्ट को भी मानना पड़ा. सरयू किनारे बसे अयोध्या जहां इन दिनों प्रभु श्री राम का भव्य दिव्य और अदभुद विशालकाय मंदिर बनाया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानतें हैं कि दशकों बाद आज जिस राम मंदिर को हम बनता देख रहें हैं. उसके पीछे एक संत की भूमिका सबसे अधिक बताई जाती है.जी हां हम बात कर रहें हैं धर्म चक्रवर्ती तुलसी पीठ के संस्थापक पद्मविभूषण जगतगुरु राम भद्राचार्य जी की. बतातें हैं कि कोर्ट में मौजूद रामभद्राचार्य ही थे. जो बिवादित स्थल पर श्री राम जन्म भूमि होने के पक्ष में शाष्त्रों से प्रमाण पर प्रमाण दिये जा रहे थे.

न्यायधीस की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति मुसलमान था. उन्होंने सवाल किया कि आप लोग हर बात में वेंदों से प्रमाण मांगते हैं. तो क्या वेंदों से प्रमाण दे सकतें हैं. कि श्री राम का जन्म अयोध्या में उस स्थल पर ही हुआ था. इसके बाद जगतगुरु राम भद्राचार्य जी ने कहा दे सकता हूं महोदय और उन्होंने ऋग्वेद की जेमेनयी संहिता से उदाहरण देना शुरु किया. जिसमें सरयू नदी के स्थान विशेष से दिशा और दूरी का एकदम सटीक ब्यौरा देते हुए श्री राम जन्म भूमि की स्थिति बताई गयी है.

कोर्ट के आदेश से जेमेनई संहिता मंगाई गयी. और उसमें जगतगुरु जी द्वारा निरदिष्ट संख्या को खोलकर देखा गया और समस्त विवरण सही पाये गये. जिस स्थान श्री राम जन्म भूमि की स्थिति बताई जा रही हैं. विवादित स्थल ठीक उसी स्थान पर है. और जगतगुरु जी के वक्तव्य नें फैसले का रुख हिंदुओं की तरफ मोड़ दिया.

मुसलमान जज ने स्वीकार किया आज मैंने भारतीय प्रज्ञा का चमत्कार देखा एक व्यक्ति जो भौतिक आंखों से रहित है कैसे वेंदों और शाष्त्रों के विशाल वर्णनों से उदाहरण दिए जा रहा था ये ईश्वरीय शक्ति नही तो और क्या है. मुस्लिम जज के ये विचार किसी और के लिए नहीं बल्कि जगतगुरु राम भद्राचार्य जी के लिए थे. हम उन्हीं राम भद्राचार्य जी की बात कर रहें हैं जिनकी दो माह की उम्र में ही दोनों आंख की रोशनी चली गयी थी. लेकिन आज उन्हे 22 भाषाएं आती हैं. 80 ग्रन्थों की रचना वो कर चुकें हैं. पद्मविभूषण जगतगुरु राम भद्राचार्य जी एक ऐसे संन्यासी हैं जो अपनी दिव्यांगता को हराकर जगतगुरु बनें इनकी भविष्यवाणियां करने का सिलसिला भी काफी प्रचलित है.

ऐसी प्रभावशाली सक्सियत हैं वो जिनका संम्पूर्ण जीवन मानव कल्याण को समर्पित रहा जिनके दर्शनों के लिए पी एम मोदी को भी दर्शनों के लिए लाइन में लगना पड़ता है. पी एम मोदी के नवरत्नों में से एक और स्वक्ष भारत के ब्रान्ण एम्बेसडर जगतगुरु राम भद्राचार्य अपनी दूर दृष्टि के बल पर जब जब भविष्यवाणी करतें हैं तो दुनिया उस पर यकीन करती है.