December 3, 2024
बिना सिचुएशन समझे रियेक्ट नहीं करना चाहिए

बिना सिचुएशन समझे रियेक्ट नहीं करना चाहिए

कहा गया है जीवन मिलना भाग्य की बात है, मृत्यु मिलना समय की बात है, मृत्यु के बाद लोगो के दिलो में रहना कर्मो की बात है | इसलिए बिना सिचुएशन समझे रियेक्ट नहीं करना चाहिए क्या पता वह किस परिस्थिति में ऐसा कर रहा है |

ये कहानी एक डॉक्टर की है जिनका एक बड़ा सा अस्पताल था | एकदिन वह दौड़े – दौड़े अस्पताल पहुंचे | मरीज उनका इंतजार कर रहे थे, जिसमे एक बच्चे का ऑपरेशन होना था | उसके घर वाले डॉक्टर को इधर – उधर बोलने लगे की ये कोई समय है आने का, मरीज कब से आपका इंतजार कर रहे हैं, मरीज आपको भगवान मानते हैं और आप ऐसा कर रहे हैं लेकिन वह बिना सुने सीधे ऑपरेशन थिएटर में चले गए |

बिना सिचुएशन समझे रियेक्ट नहीं करना चाहिए

डाक्टर ऑपरेशन ख़तम करके बहार आये | मरीज के घर वालो से मिले, बताये जल्द ही रिकवर हो जायेगा | घर वाले फिर से और बातें करना चाहे लेकिन वे बोले नर्स से बात करलो और निकल गए | नर्स आई तो लोगो ने पूछा सब तो ठीक है लेकिन ये बताइये डाक्टर साहब इतने बत्तमीज स्वाभाव के क्यूं हैं |

नर्स बोली – आप लोग गलत समझ रहे हैं, डॉक्टर साहब ऐसे बिलकुल नहीं हैं | असल में आज सुबह एक एक्सीडेंट में उनके बेटे की मौत हो गयी | आपके मरीज का ऑपरेशन जरुरी था इसलिए डॉक्टर का फर्ज निभाते हुए वह आये और अब बेटे के अंतिम संस्कारमे जा रहे हैं |

बिना सिचुएशन समझे रियेक्ट नहीं करना चाहिए

नर्स की बात सुनकर सभी को बहुत पछतावा होने लगा | छोटे सी कहानी हमें बताती है की बिना सिचुएशन समझे रियेक्ट नहीं करना चाहिए | परिस्थिति समझते नहीं हैं बस अपनी बात थोप देते हैं, बाद में हकीकत जानने पर पछतावा होने लगता है | इसीलिए बिना किसी की सिचुएशन समझे कोई टिका – टिप्पड़ी नहीं करना चाहिए |