जिसका मन पवित्र है उसके आसपास कोई दोष नहीं आता | यह कहानी है की एकबार एक व्यक्ति नया और बड़ा सा घर खरीदता है | घर उसे कुछ महगा पड़ रहा था फिर भी वह उसे खरीदता है क्योंकि घर के पीछे लॉन में आम का एक पेड़ था | इस व्यक्ति को आम बहुत पसंद था | यह गृह प्रवेश करके उस घर में रहने लगता है | |
कुछ दिन के बाद पडोसी यार – दोस्त बोलते हैं तुम्हारी तो दिन बा दिन तरक्की हो रही है, बहुत बढ़िया है, लेकिन भविष्य में कोई दिक्कत न आये इसलिए किसी वास्तुशास्त्री से तुम्हे एकबार विचार जरूर करवाना चाहिए |
इस व्यक्ति को यह बात अच्छी लगी | उसने एक जाने – माने वास्तुशास्त्री को बुलाया | उन्हें अपने नजदीकी लोकेशन से रिसीव करके घर लाया |
जब वह रास्ते में आ रहे थे तो वह व्यक्ति आने वाली हर एक गाड़ियों को रास्ता देता था | जो उन्हें ओवरटेक करना चाहती थी | यह सब देखकर वास्तु शास्त्री बोले कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं ? तो उस व्यक्ति ने उत्तर दिया कि जो यह गाड़ियां ओवरटेक कर रही हैं हो सकता है कि यह जल्दी में हो | या हो सकता है कि इन्हें कुछ जरूरी काम हो | हमें कौन सा जल्दी है, इन्हे जाने देते हैं और हम आराम से चलते हैं |
वे दोनों गांव के करीब होते हैं तो रास्ता कुछ शंकर था | आगे गए तब एक बच्चा भागता हुआ जल्दी से निकला | इन्होंने गाड़ी तुरंत रोक ली | थोड़ी देर के बाद दूसरा बच्चा निकला तो वास्तु शास्त्री से रहा नहीं गया उन्होंने फिर से पूछा कि आपको कैसे पता कि दूसरा बच्चा आएगा ?
इस व्यक्ति ने उत्तर दिया बच्चे छोटे हैं | बचपन में हम लोग भी अकेले कहां खेलते थे ? एक बच्चा भागता हुआ जा रहा है इसका मतलब यह है कि दूसरा बच्चा जरूर होगा जिसके साथ यह खेल रहा है | वास्तुशास्त्री मुस्कुराये फिर दोनों लोग आगे बढ़ गए |
अब वह अपने घर के पास पहुंच गए | गार्ड ने दरवाजा खोला तभी यह देखते हैं कि 5-7 पक्षी उड़ते हुए पीछे से आ रहे हैं | इस व्यक्ति ने कहा अभी हम थोड़ी देर बाद उतरते हैं | पक्षी उड़ते हुए गए हैं हो सकता है कि पड़ोस के कुछ बच्चे आम तोड़ने के लिए आए हों |
अगर हम अभी चलते हैं तो हो सकता है कि कुछ बच्चे जो ऊपर पेड़ पर चढ़े हो उन्हें लगे कि घर का मालिक आ गया है और जल्दी-जल्दी में वह उतरे और उनको कोई चोट आ जाए | अब तो हम घर आ भी गए हैं थोड़ी देर में चल लेते हैं |
यह सब बात सुनकर वास्तु शास्त्री बोले कि अगर आप बुरा न माने तो एक बात कहें | व्यक्ति ने कहा ठीक है महराज बताइये | वास्तु शास्त्री बोले कि सच तो यह है कि आपको मेरी जरूरत ही नहीं है | व्यक्ति घबरा गया और बोला आपकी सेवा में कि कौन सी गड़बड़ी हो गई | अगर कोई कमी हुई तो माफ़ करिये महाराज |
वास्तु शास्त्री बोले की गड़बड़ी कुछ नहीं हुई है | आपको मेरी नहीं मेरे जैसे किसी भी वास्तु शास्त्री की जरूरत है ही नहीं | आप अपने से ज्यादा दूसरों का इतना ख्याल रख रहे हैं आपके यहां कोई वास्तु दोष हो ही नहीं सकता |
व्यक्ति भी मुस्कुराया और बोला अरे प्रभु आपका यह बड़प्पन है लेकिन अगर आप यहां तक आ गए हैं तो एक बार घर के अंदर जरूर आइये जल जलपान तो करिए |
कहानी छोटी है लेकिन यही सच है की जिसका मन पवित्र है उसके आसपास कोई दोष नहीं आता | अगर आपके मन का भाव सच्चा है तो आपका हर काम अच्छा होगा |
आप अपना और अपनों का ख्याल तो रखिए और साथ ही साथ दूसरों का भी ख्याल रखिए यकीन मानिए आपका जीवन पॉजिटिव एनर्जी से भर जाएगा और आप जो भी काम करेंगे उसमें आपको सफलता जरूर मिलेगी |
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