यह बेस्ट मोटिवेशनल कहानी मिलकर रहने की सकारात्मकता को दिखाता है |
कहानी ऐसी है की एक आदमी को जानवर और पक्षी पालने का बहुत शौक था | वह उन्हें पालता और उचित दाम मिलने पर बेचता जिससे उसका गुजारा चलता था |
आदमी के परेशानी का कारण क्या था ?
एक बार की बात है उसके पास तब एक तोता , एक मुर्गा और एक बकरा बचा था | वह सोच रहा था की जिसको भी उधर दिया है उनसे पैसे मिल जाते तो किसी दिन शहर से और कुछ जानवर ले आये |
इन्ही बीच उसके घर में एक चूहा आ गया |
सब कुछ तो ठीक था लेकिन वह आदमी चूहे की हरकत से बहुत परेशान हो गया था | क्योकि वह कोई भी सामान कुतर देता था और पता चलने पर बीवी बहुत चिल्लाती थी |
हद तो तब हो गई जब चूहे ने एकदम नई साड़ी कुतर दी जो अभी दो दिन पहले उस आदमी ने अपनी बीवी को उपहार स्वरुप दिया था |
बीवी देखते ही गुस्से से पागल हो गई और बोली कि अगर इस चूहे को नहीं भगा सकते तो मुझे घर से भगा दो मैं चली जाऊंगी |
आदमी भी बहुत परेशान था अंततः वह एक चूहा पकड़ने की चूहेदानी लाता है |
चूहे की मदद कौन करता है ?
अब आदमी सोचता है कि इस चूहे को भगा करके ही दम लेना है | चूहेदानी को देखकर चूहा बहुत परेशान हो गया |
वह तोते के पास गया बोला कि तुम मेरी कुछ मदद करो नहीं तो ये मुझे पिंजरे में बंद कर देंगे | तोता बोला तुम्हारी परेशानी से मुझे क्या लेना देना | जाओ यहाँ से मई तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता |
फिर वह मुर्गे के पास गया बोला मेरी मदद करो | मुझे बचा लो | मुर्गा बोला तुम्हारी प्रॉब्लम तुम जानो और उसने भी मदद करने से मना कर दिया |
फिर वह मदद मांगने बकरे के पास गया | बकरा भी यही बोला कि यह गलती करने से पहले तुमको सोचना चाहिए था | तुम गलती किए हो उसमें मैं क्या कर सकता हूं |
मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता और हाँ ,जो तुम यहां से नहीं गए तो मैं भी फंस जाऊंगा |
अंत में वह एकदम उदास मन से अपनी बिल में दुबक गया |
रात हो गई थी | सब सो रहे थे की औरत को खट की जोर से आवाज सुनाई पड़ती है |
औरत की तबियत ख़राब कैसे हुई ?
वह सोचती है कि चूहा तो अब चूहा दानी में फंस गया | वह जल्दी-जल्दी में चूहेदानी के पास जाती है | अंधेरा होने की वजह से वह कुछ देख नहीं पाती है लेकिन उसे कुछ काट लेता है |
उँजाला कर के देखा तो सब के होस उड़ गए थे | दरअसल वह चूहा नहीं था एक जहरीला सांप था |
वह सांप चूहा को खाने के लिए आया था और चूहे को ना खा पाया वह चूहेदानी में जाकर फंस गया | सांप ने काट लिया है तो अब जल्दी जल्दी औरत को अस्पताल लेकर के जाया गया कि अगर इसका सही से उपचार न किया जाए तो यह मर जाएगी |
किसकी बलि कब दी गई ?
अस्पताल जाने के बाद डॉक्टर ने बोला कि यह ठीक हो जाएगी अगर इस तोते का सूप पिला दिया जाए | अब आदमी सोचा कि कहां जाकर के मैं तोते का सूप खरीदूं ? इससे बढ़िया यही घर में एक तोता है उसी का सूप बनाकर पिला दिया जाए |
अब औरत की हालत सुधरी और वह घर आ गई थी | उसे देखने के लिए मेहमानों का आना-जाना लग गया | एकदिन मेहमान आ गए तो उनके खाने के इंतजाम में मुर्गे की बलि दे दी गई |
कुछ दिन और बीतता है | औरत अब एकदम से स्वस्थ हो गई | व्यक्ति ने सोचा जब सब ठीक हो गया है तो छोटी पार्टी भी हो जाये | अबकी बार पार्टी में बकरे की बलि चढ़ गई |
यह सब चूहा देख रहा था | वह सोच रहा था काश उस दिन मेरी मदद किसी ने भी कर दी होती तो सायद यह दिन किसी को न देखना पड़ता |
कहानी से सीख
छोटी सी कहानी मिलकर रहने की है जो यह बताती है की जीवन में अगर हम सबके साथ रहेंगे तो सब कुछ ठीक रहेगा | हर एक समस्या का समाधान मिल सकता है |
नहीं तो एक एक कर सब टूटता चला जायेगा और हम हाथ पर हाथ रखे रह जायेंगे | एक कहावत है न की ” अपने सिर्फ़ वो नहीं होते जो तस्वीरों में साथ खड़े होते हैं बल्कि अपने तो वो होते हैं जो तकलीफों में साथ खड़े होते हैं |”
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