December 1, 2024
कर भला तो हो भला

मोटिवेशनल स्टोरी – कर भला तो हो भला

” कर भला तो हो भला ” की कहावत पर आधारित यह एक मोटिवेशनल स्टोरी है | एकबार की बात है किसी व्यक्ति की एक गांव में टीचर की सरकारी नौकरी लगती है | वह स्कूल से चार पांच किलोमीटर दूर शहर में एक कमरा ले लेता है | वहीँ से वह हर दिन वह स्कूल आया और जाया करता था |

शुरुआत में उसके पास इतने पैसे नहीं थे की वह कोई गाड़ी ले सके इसलिए वह स्कूल पैदल ही आया जाया करता था | कभी कभी आते जाते कोई से लिफ्ट मिल जाती और कभी कभी उसे पैदल ही यात्रा करनी पड़ती |

कर भला तो हो भला

कुछ समय के बाद जब उसकी सैलरी आई तो सबसे पहले उसने एक गाड़ी ख़रीदा और गाड़ी से आने जाने लगे | आते जाते समय उन्हें जो भी पैदल व्यक्ति मिलता उसको अपनी गाड़ी पर बैठा लेते | वह सभी को लिफ्ट दिया करते थे क्योंकि एक समय में वह भी किसी गाड़ी वाले की लिफ्ट का इंतजार कर रहे होते थे |

स्कूल के रास्ते गांव के सभी आने जाने वाले लोग इन मास्टर जी का इंतजार कर रहे होते थे की अब मास्टर जी आएंगे और उन्हें लिफ्ट मिल जाएगी | ऐसा होता भी था | हरदिन मास्टर जी अपनी गाड़ी पर किसी न किसी को बैठा कर ले आते और ले जाते | गांव के लगभग सभी लोग उनकी गाड़ी को पहचानते थे |

सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक बार एक आदमी उनकी गाड़ी पर बैठता है | थोड़ी दूर जाने के बाद वह उनके पेट पर चाकू लगा देता है | बोलता है कि अब यह गाड़ी तुम मुझे छोड़ करके भाग जाओ | मास्टर जी समझ जाते हैं की उनकी गाड़ी चोरी हो गई है |

मास्टर जी उस व्यक्ति से बोलते हैं कि ठीक है मेरी गाड़ी ले जाओ लेकिन मेरी एक बात मान लेना | यह बात किसी से मत बताना कि इस रास्ते में मैंने गाड़ी चुराई है | मैं भी किसी से नहीं बताऊंगा नहीं तो लोग यहां पर किसी जरूरतमंद को अपनी गाड़ी पर बैठना बंद कर देंगे |

कर भला तो हो भला

फिर वह पैदल स्कूल गए और स्कूल से पैदल ही अपने घर आ गए | कमरे पर आने के बाद वह सोचते हैं कि भगवान यह आपने क्या किया ? अभी पिछले महीने ही एक गाड़ी खरीदी और उसे भी छीन लिया |

भगवान को कोसकर वह सो गए लेकिन सुबह जब वह उठाते हैं तो देखते हैं कि उनकी गाड़ी उनके घर के सामने खड़ी है | उस पर एक पर्ची चिपकी हुई है | पर्ची फाड़कर वह देखते हैं कि क्या लिखा है तो वह उस चोर की पर्ची थी |

गाड़ी चोर ने लिखा था कि गाड़ी लेकर मैं इसे बेचने कबाड़ी के पास गया तो गाड़ी खड़ी करते ही कबाड़ी वाला बोलता है कि यह तो मास्टर साहब की गाड़ी है | तुम इसका क्या कर रहे हो ? यह तुम्हारे पास कैसे आई ?

कुछ बहाना बनाकर वहां से मैं जैसे ही आगे गया की भूख लगी थी | सोचा कि कुछ खा ले | होटल पर रुका तो होटल वाला बोलता है यह तो मास्टर साहब की गाड़ी है | तुम्हारे पास कैसे आई ?

उसे बहाना बनाकर आगे निकला कि उन्होंने मुझे कुछ सामान लेने के लिए भेजा है जैसे ही आगे बढ़ा की पुलिस ने चेकिंग लगा रखी थी | पुलिस वाले ने जैसे ही मुझे देखा तुरंत उसने भी पूछा यह तो मास्टर साहब की गाड़ी है | यह तुम्हारे पास कैसे आ गई ?

किसी तरह से बहाना बनाकर बच बचा कर वहां से निकाला | लेकिन यह गाड़ी तुम्हारी है और तुम्हें ही मुबारक और अगर यह आफत में अपने सर लेता तो मुझे लेने के देने पड़ जाते | अब मास्टर जी भगवान को बहुत धन्यवाद दे रहे थे |

कर भला तो हो भला

मास्टर जी सोच रहे थे वाह उपरवाले तेरी महिमा तो निराली है | मैंने किसी के साथ कुछ गलत नहीं किया था सायद इसी लिए प्रभु ने मेरी मदद की और मेरी गाड़ी मुझे मिल गई |

कहानी का सार यह है कि कर भला तो हो भला | यानि की अगर हम सब का भला चाहते हैं तो ऊपर वाला कुछ भी करें हमारे साथ बुरा नहीं होने देगा |