कहा गया है ना कि ” हमारे कर्म ही हमारी पहचान है नहीं तो एक ही नाम के हजारों इंसान है |” इसलिए अच्छे कर्म से खुद की पहचान बनाओ | हलाकि आकर्षक चेहरे से हमारे व्यक्तित्व पर प्रभाव डालते हैं लेकिन हमारे काम करने के तौर तरीके से भी जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है |
यह कहानी ऐसी है की एक राजा के यहां एक आदमी आता है और वह यह दावा करता है कि वह जानवर हो या इंसान हो सभी के व्यवहार और कर्म को देखकर बता सकता है कि उसका जीवन कैसा है | वह कैसा है | अगर वह राज दरबार में रहेगा तो राजा साहब को अपने निर्णय लेने में आसानी होगी |
राजा को थोड़ी हैरानी हुई लेकिन उन्होंने कहा ठीक है हम तुमको अपने दरबार में रख लेंगे | लेकिन यह सिद्ध करने के लिए तुमको एक परीक्षा देनी होगी | राजा ने उस आदमी को अस्तबल में ले गए और उसकी चाकरी करने को दे दिया |
कुछ दिन के बाद राजा ने उस आदमी को बुलाया और अपने पसंदीदा घोड़े को भी लाया | राजा को घोडा बहुत पसंद था | वह अच्छी नस्ल का था इसलिए ज्यादा कीमत देकर भी ख़रीदा था | घोडा सचमुच बहुत ही प्यार और बहुत ही खूबसूरत था | राजा ने इस घोड़े के बारे में अपने विचार बताने को कहा |
आदमी ने बताया कि महाराज ! बेसक यह घोड़ा अच्छी नस्ल का है लेकिन इसकी नस्ल घोड़े जैसी नहीं है |
राजा ने बात कंफर्म करने के लिए जंगल से तुरंत घोड़े के मालिक को बुलाया | उससे पूछा तो उसने कहा जी महाराज जब यह घोड़ा पैदा हुआ था तब उसकी मां मर गई थी | यह गाय का दूध पीकर बड़ा हुआ है |
राजा को आश्चर्य हुआ उसने उस व्यक्ति से पूछा कि तुमको कैसे पता कि यह घोड़ा असली नस्ल का नहीं है | व्यक्ति ने बताया कि महाराज जब यह घास खाता है तो अपना सिर नीचे करके खाता है | जबकि घोड़ा मुंह में राशन भरने के बाद सिर ऊपर करके खाता है |
राजा उसके उत्तर से बहुत खुश हुआ और इनाम में 100 भेंड़ दे दिया |
अबकी बार राजा ने उसे रानी के महल के बाहर पहरा देने को कहता है | थोड़े दिन के बाद जब राजा ने रानी के बारे में उस व्यक्ति से पूछता है तो व्यक्ति उत्तर देता है कि आपने इनको रानी तो बनाया है लेकिन इनका स्वभाव के जैसे नहीं है |
राजा को हैरानी हुई | पुष्टि करने के लिए वह अपने सास – ससुर को बुलाकर पूछता है |
उसकी सास बताती है कि हां यह बात सही है | तुम्हारी शादी बचपन में ही मेरी बेटी से तय कर दिया गया था | लेकिन कुछ दिनों के बाद मेरी बेटी मर गई | जिससे मैंने नौकरानी की बेटी को गोद ले लिया था |इस वजह से तुम्हारी शादी इसके साथ हुई |
अब राजा ने फिर उस व्यक्ति से पूछा कि तुम्हें कैसे पता कि यह रानी नहीं है | उस व्यक्ति ने उत्तर दिया की एक रानी का स्वभाव अपने नौकरों के प्रति अच्छा होता है | लेकिन महारानी का व्यवहार ऐसा नहीं रहता है | उनका व्यवहार नौकरों के प्रति बहुत ही बुरा रहता है |
अबकी बार राजा उस आदमी के ऊपर खुस होकर इनाम के तौर पर 100 गाय दान में दे दिया |
फिर राजा ने व्यक्ति से कहा अच्छा चलो अब तुम मुझे भी भली-भांति जान गए हो | अब मेरे बारे में कुछ बताओ |
आदमी ने उत्तर दिया ठीक है महाराज आपके बारे में कुछ बताऊंगा | लेकिन पहले आप यह वादा करिए कि मुझे कोई दंड नहीं दिया जाएगा | राजा ने कहा ठीक है मैं वचन देता हूँ की तुम्हे कोई भी दंड नहीं दिया जाएगा |
उस व्यक्ति ने राजा को बताया कि आपका व्यवहार के हिसाब से आप राजा नहीं हैं | आपके अंदर राजा वाला खून नहीं है |
यह बात सुनकर राजा आग बबूला हो जाता है | राजा को इतनी जोर से गुस्सा आ रहा था कि वह उसे जान से मार देना चाहता था लेकिन वह वचनबद्ध था इसलिए नहीं मार सका |
पुस्टि करने के लिए एकदम बेचैन होकर राजा अपनी मां के पास गया | और पूछा कि क्या यह सच है ?
मां ने उत्तर दिया कि हां मेरी कोई संतान नहीं हो रही थी तो मैं तुम्हें एक चरवाहे से गोद लिया है | तुम मेरे खून नहीं हो |
राजा टूटे मन से पूछा कि आपको कैसे पता कि मैं राजा का बेटा नहीं हूं | उस व्यक्ति ने कहा कि एक राजा होता है वह खुश होता है तो दान में हीरे जवाहरात देता है | लेकिन आप एक चरवाहे के बेटे हो इसलिए आप दान में भेड़, बकरी, गाय यही सब दे रहे हो |
राजा उसके इस कौसल को देखकर अपने राजदरबार में विशेष मंत्री और सलाहकार के रूप में रखता है |
खुद की पहचान कैसे बनायें ?
इसीलिए कहा जाता है की हमारा व्यक्तित्व हमारी सोच और स्वभाव पर निर्भर करता है | इंसान का स्वभाव चाहे जैसा भी हो व्यवहार हमेशा सही रखें क्योंकि दुनिया हमारा आचरण देखकर ही हमारे व्यक्तित्व का पता लगती है | अपनी अच्छी सोच से, अच्छे स्वाभाव से और अच्छे आचरण से खुद की पहचान बना सकते हैं |
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