December 3, 2024
अगर आप कमाल करना चाहते हैं तो त्याग कीजिये

अगर आप कमाल करना चाहते हैं तो त्याग कीजिये

” ये कहानी उनके लिए जिन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा |” यह एक ऐसे लड़के के त्याग की दिलचस्प कहानी है जो बहुत ही गरीब है | दिन भर काम करता है तब जाके कही दो वक्त का खाना नसीब हो पाता है |

अगर आप कमाल करना चाहते हैं - रोटी

रोटियां कैसे कम हुई ?

एक बार की बात है , उसने चार रोटी बनाई | हाथ धुलने बाहर गया और लौटकर देखता है की उसकी थाली में चार नहीं अब तीन रोटियां ही बची हैं | फिर सोचा की हो सकता है की मैंने तीन रोटियां ही बनाई हो , और चुप – चाप से खा कर सो गया |

दूसरे दिन फिर उसने चार रोटी बनाई , वापस आकर देखा तो तीन ही बची थी | अब ये बड़ी सोच में पड़ गया की आखिर ये रोटी कौन ले जा रहा है ? उसने सोचा चलो अब इसकी निगरानी करते हैं |

अगले दिन फिर चार रोटियां बनाई , बाहर गया , वापस पलटकर देखा की एक चूहा उसकी रोटी को ले जा रहा था | उसने चूहे को पकड़ लिया | और बोला भाई देखो एक तो मेरी हालत ऐसे ही पतली है ऊपर से तुम रोटी और लिए जा रहे हो !

चूहा बोला – भाई तुम्हारी हालत पतली है तो इसमें मैं क्या करुं ? लेकिन मुझे मेरे हिस्से का तो खाने दो | फिर भी अगर तुम्हारे पास बहुत समस्या है , जिंदगी से बहुत परेशान हो तो एक महात्मा है जो तुम्हारी हर समस्या का सही उत्तर दे सकते है |

समस्या का सही उत्तर कौन दे सकते है

लड़का बोला – कौन है वो महात्मा ?

चूहा बोला – महात्मा बुद्ध |

अब लड़का महात्मा बुद्ध के पास चल दिया | चलते – चलते रास्ते में उसे प्यास लगी , फिर एक झोपड़ी दिखी तो वहां गया और पीने के लिए पानी माँगा , घर से एक बूढी औरत निकली , पानी दिया और पूछ लिया – बेटा कहाँ जा रहे हो ?

लड़का बोला – कुछ प्रश्न है उसी को पूछने गौतम बुद्ध के पास जा रहा हूँ |

बूढी औरत का प्रश्न

बूढ़ी औरत बोली – बेटा जा रहे हो तो मेरा भी एक प्रस्न है पूछ लेना कि मेरी 22 साल की एक बेटी है जन्म से कुछ बोली नहीं है | वह कब बोलेगी ?

लड़का बोला – कोई बात नहीं , अपनी बात पूछने जा रहा हूँ साथ में ये भी पता कर लूंगा और आपका जबाब मैं जरूर लेकर आऊंगा |

अगर आप कमाल करना चाहते हैं तो त्याग कीजिये-औरत का प्रश्न

साधु का प्रश्न

और थोड़ा आगे गया तो एक बड़ा सा पहाड़ मिला अब उसको पार करके दूसरी तरफ जाना था | लड़के को समझ नहीं आ रहा था की कैसे पहाड़ पार किया जाये | तभी वहां एक साधु दिखाई दिए |

लड़के ने कहा महात्मन मुझे गौतम बुद्ध के पास एक प्र्स्न पूछने जाना था , लेकिन अब समझ नहीं आ रहा है की कैसे इस पहाड़ को पार किया जाये ? उन तक कैसे पंहुचा जाये ?

साधु बोला – मैं तुम्हे पार करा दूंगा लेकिन बदले में तुम्हे मेरा भी एक प्रस्न पूछना पड़ेगा |

लड़का बोला – ठीक है , आप मुझे अपना प्रस्न बता दीजिये और ये पहाड़ पार करा दीजिये , मैं आपका प्रस्न जरूर पूछ लूंगा |

मेरा प्रस्न यह है की पिछले 1000 सालों से इसी पहाड़ पर बैठा तपस्या कर रहा हूँ की स्वर्ग जाउगा लेकिन अभी तक मुक्ति नहीं मिली | मुझे मुक्ति कब मिलेगी ?

साधु ने फिर अपनी जादुई छड़ी घुमाई और लड़का पहाड़ के इस पार आ गया |

त्याग कीजिये - साधु का प्रश्न

कछुआ का प्रश्न

आगे फिर एक समस्या खड़ी मिली | सामने एक नदी थी , अब उसको कैसे पार किया जाये ?

तभी उसे एक कछुआ दिखाई दिया | लड़का कछुआ के पास जाता है और अपना उद्देश्य बताता है और उस पार ले जाने की विनती करता है |

कछुआ बोलता है मैं तुम्हे नदी उस पार तो कर दूंगा लेकिन मेरा भी एक प्रस्न बुद्ध जी से पूछ लेना |

अगर आप कमाल करना चाहते हैं तो त्याग कीजिये

लड़का सोचा अब जा रहा हूँ ,इतने लोगो के प्रस्न लिए जा रहा हूँ , चलो तुम्हारा भी एक सही |

कछुआ बोला – मैं पिछले कई वर्षो से लगभग 500 सालों से इस नदी में हूँ और ड्रैगन बनाने की कोसिस कर रहा हूँ , बस ये पूछ लेना मैं ड्रैगन कब बनूँगा ?

कछुआ उसे नदी पार करा देता है और वह लड़का आगे कुछ समय में गौतम बुद्ध की कुटिया में पहुंच जाता है | देखता है की वहां पर बहुत से लोग अपनी समस्या लेकर आये हुए हैं और बुद्ध जी सबको उनका हल बता रहे है |

जब इस लड़के की बारी आयी तो उसने अपनी समस्या बताई | बुद्ध जी ने कहा मैं तुम्हारी किन्ही तीन प्रश्नो का उत्तर दूंगा अब तुम पूछ सकते हो |

लड़का सोचने लगा मेरे पास तो कुल चार प्रस्न है लेकिन अब किसका प्रस्न कम किया जाये ?

अगर आप कमाल करना चाहते हैं - भगवान बुद्ध की कथा

त्याग की कहानी

लड़के ने बूढी औरत को सोचा फिर उसे उसका 22 साल का इंतजार दिखने लगा | संत के बारे में सोचा तो 1000 साल की तपस्या दिखने लगी | उसने कछुए के बारे में सोचा तो उसे 500 साल की उम्मीद दिखने लगी |

फिर उसने सोचा इन सबकी समस्या की तुलना में मेरी समस्या तो कुछ भी नहीं है | चलो इन सबकी समस्या का समाधान लेकर चलता हूँ अपना क्या है , जीवन जैसे पहले चल रहा था वैसे फिर चलेगा और क्या |

यह सोचकर उसने उन तीनो की समस्या का समाधान बुद्ध जी से मांग लिया |

भगवान बुद्ध ने सबकी समस्या का समाधान बताना सुरु किये –

कछुआ –

कछुए के सरीर पर जो कवर है उसे उतार दे तो ड्रैगन बन जायेगा |

साधु –

उनके पास जो जादुई छड़ी है उसका त्याग कर दे तो उन्हें मोक्ष मिल जायेगा |

बूढी औरत –

वह जैसे ही अपनी बेटी की शादी करेगी उसकी बेटी बोलने लगेगी |

लड़के ने भगवान बुद्ध को प्रणाम किया और वापस अपने घर को चल दिया |

त्याग का फल

रास्ते में कछुए को बताया की वह अपनी खोल उतार दे जो उसने अपने ऊपर धारण कर रखा है | कछुए ने ऐसा ही किया और तुरंत ही ड्रैगन बन गया |

लेकिन उसकी खोल में बहुत सारे हीरे चिपके हुए थे | कछुए ने लड़के से कहा अब मैं तो ड्रैगन बन गया मैं इन हीरों का क्या करूँगा ? इसे तुम ही रख लो |

लड़के ने हीरों का गट्ठर बांधा और आगे चल पड़ा | रास्ते में साधु मिले उनको बताया तुम अपनी जादुई छड़ी का त्याग कर दो मुक्ति मिल जाएगी |

साधु ने कहा इस छड़ी को त्यागना है तो इसको मैं अभी से त्याग रहा हूँ और इसको तुम अपने पास रख लो | साधु ने अपनी छड़ी का त्याग करके मोक्ष चले गए |

अब लड़का हीरे और छड़ी को लेकर बूढी औरत के पास आया और बोला किसी से अपनी बेटी का विवाह करा दो वह बोलने लगेगी | औरत सोचने लगी इससे ज्यादा सज्जन और ईमानदार लड़का कहा मिलेगा और अपनी बेटी का विवाह उस लड़के से कर दी |

जैसे ही लड़की की शादी हुई वह बोलने लगी | लड़की की माँ बहुत खुश हुई , लड़के को ढेर आशीर्वाद दिया |

लड़का उस हीरे को , छड़ी को ,और अपनी नई दुल्हन को लेकर घर आ गया | अब लड़के के पास हीरे आ गए यानि की पैसा ही पैसा हो गया , छड़ी आ गयी यानि की ताकत आ गयी और शादी भी हो गयी |

अब उसकी जिंदगी सेट हो गयी और ये सब हुआ इसलिए क्योकि उसने अपने सवाल का त्याग कर दिया था |


कहानी का सार

ये कहानी हमें यही बताती है की अगर आप कमाल करना चाहते हैं तो त्याग कीजिये | त्याग कीजिये बुरी आदतों का | त्याग कीजिये आलस्य का | त्याग कीजिये अपने अहंकार का | त्याग कीजिये लोभ का |तभी आप कुछ बड़ा कर पाएंगे |

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