motivational story in 2024 Archives || dbtimesnews.com https://dbtimesnews.com/tag/motivational-story-in-2024/ Mon, 05 Aug 2024 13:41:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://i0.wp.com/dbtimesnews.com/wp-content/uploads/2023/01/cropped-DB_TIMES-removebg-preview-1.png?fit=32%2C32&ssl=1 motivational story in 2024 Archives || dbtimesnews.com https://dbtimesnews.com/tag/motivational-story-in-2024/ 32 32 224951417 Motivational Small Story in Hindi-अभिमान और अनुभव https://dbtimesnews.com/small-story-in-hindi/ https://dbtimesnews.com/small-story-in-hindi/#respond Mon, 05 Aug 2024 08:48:46 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=1191 Motivational Small Story in Hindi-अभिमान और अनुभव || एकबार की बात है सेठ जी के...

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Motivational Small Story in Hindi-अभिमान और अनुभव || एकबार की बात है सेठ जी के यहाँ एक लड़का काम करता था | सेठ जी ने उसे काम से निकाल दिया |

क्योकि लड़का बेरोजगार हो गया था इसलिए उदास मन से धीरे – धीरे अपने घर की ओर चला जा रहा था |

थैलों का रहस्य : एक अनमोल डील

रास्ते में उसे एक बूढ़ा आदमी मिलता है | जिसे एक मजदूर की जरुरत होती है | लड़का सोचता है पास में पैसे हैं नहीं तो चलो एक दिन के लिए ही सही लेकिन कुछ पैसे तो आ जायेंगे |

Motivational Small Story in Hindi-अभिमान और अनुभव

लड़का बूढ़े आदमी के पास जाता है और पूछता है की दादा क्या काम है मैं करूँगा | बूढ़ा आदमी बोलता है ये तीन थैला है जिसमे से यह एक भारी वाला थैला मेरे साथ मेरे घर पहुँचाना है बदले में मैं तुम्हे तीन सोने के सिक्के दूंगा |

लड़का खुसी से थैला उठाता है और बूढ़े आदमी के साथ चल देता है |

बूढ़ा आदमी थोड़ी दूर चलने के बाद बार – बार पीछे मुड़ कर देखता | लड़के से रहा नहीं गया उसने पूछा दादा इसमें क्या है जो आप पीछे मुड़ कर देख रहे हो ? क्या आपको मुझ पर भरोसा नहीं है ?

बूढ़े आदमी ने कहा बात तो तुम्हारी सही है लेकिन इस थैले में तांबे के सिक्के हैं |

लड़के को थोड़ा अजीब लगा लेकिन लड़के ने भी बताया – वह कल तक सेठ के यहाँ काम करता था | लेकिन आज सेठ ने इसी लिए निकाल दिया क्योकि सेठ मुझसे बोलता था सामान में मिलावट करके कम तौलो |

मैंने मिलावट और तौल में हेर – फेर नहीं किया इसीलिए मेरी ईमानदारी का फल मिला |

बूढ़े की पेशकश: एक थैले के बदले तीन सोने के सिक्के

बूढ़े आदमी को ये बचे हुए थैले भारी लग रहे थे तो उसने लड़के से कहा – बेटा मेरा ये एक थैला और पकड़लो | मैं तुम्हे तीन सोने के सिक्के और दे दूंगा |

Small Story in Hindi-अभिमान और अनुभव

लड़के के लिए यह कोई बहुत भारी समझ नहीं आया इसलिए वह दूसरा थैला भी ले लिया |

यह थैला पहले वाले से कम वजन का था | लड़के ने पूछा दादा इसमें क्या है ?

बूढ़े आदमी ने उत्तर दिया – इसमें चाँदी के सिक्के हैं |

अब दोनों चले जा रहे थे की रास्ते में एक पहाड़ आता है | पहाड़ के पीछे बूढ़े आदमी का घर रहता है | थोड़ा पहाड़ चलने के बाद बूढ़ा आदमी बोलता है बेटा मुझसे अब नहीं चला जा रहा है |

क्या तुम यह थैला भी पकड़ सकते हो ? मैं तुम्हे इसके लिए तीन सोने के सिक्के और दे दूंगा |

लड़के को कोई वजन नहीं समझ आ रहा था इसलिए उसने तीसरा थैला भी ले लिया |

अब दोनों लोग पहाड़ चढ़ते चले जा रहे थे | लड़के ने पीछे मुड़कर देखा तो बुजुर्ग कुछ दूर पर थे |

लालच का जादू : Small Story in Hindi

अब लडके के मन में लालच आया | उसने सोचा एक में तांबे के सिक्के हैं, एक में चाँदी के सिक्के हैं, तो इस तीसरे में जरूर सोने के सिक्के होंगे |

अभिमान और अनुभव

यह सोचकर लडके ने अपनी चाल तेज कर लिया | बूढ़ा आदमी चिल्लाता रहा लेकिन लड़के ने एक न सुनी | वह भागता सीधे अपने घर आकर रुका |

लड़का बहुत खुश था | वह सोच रहा था अब तो कुछ दिनों तक गरीबी मिट जाएगी | बाद में कुछ काम ढूढ़ लेंगे |

यह सोचकर लड़के ने पहला थैला खोला | देखा तो लड़का परेशान हो गया | दरअसल उसमे छोटे – छोटे ईंट पत्थर थे |

उसने जल्दी – जल्दी दूसरा थैला खोला | उसमे भी कम वजन के ईंट – पत्थर भरे थे | तुरंत उसने तीसरा थैला भी खोला | उसमे और कुछ कम वजन के पत्थर थे और साथ ही साथ एक चिट्ठी रखी थी |

वह लड़का चिट्ठी खोलता है और पड़ता है |

चिट्ठी में लिखा था | मैं इस राज्य का राजा हूँ | मेरी कोई संतान नहीं है इसलिए एक ईमानदार इंसान ढूढ़ रहा हूँ जो मेरा उत्तराधिकारी बन सके |

अब यह लड़का बहुत परेशान हो गया, फूट फूट कर रोने लगा | सोचने लगा एक तो ईमानदारी की वजह से सेठ ने निकाल दिया और दूसरा जब ईमानदारी दिखानी थी तब यह गलती कर बैठा |

कहानी का सार : Motivational Small Story in Hindi-अभिमान और अनुभव

कहानी की तरह हम भी जीवन भर ईमानदारी से अच्छे कर्म करते रहते हैं लेकिन हमारा बस एक गलत कदम सारे अच्छाइयों पर पानी फेर देता है |

इसलिए अगर आपपर बुराई हाबी हो तो सिर्फ यह सोचना की हम जिंदगी भर अच्छाइयां क्यों निभाते चले आये | इसलिए ईमानदारी से अच्छे कर्म करते रहिये |

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Motivational story for students in hindi- एक राजकुमार की कहानी https://dbtimesnews.com/motivational-story-for-students-ek-rajkumar-ki-kahani/ https://dbtimesnews.com/motivational-story-for-students-ek-rajkumar-ki-kahani/#comments Tue, 07 May 2024 08:41:59 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=914 motivational story for students शृंखला की जबरजस्त कहानी है | यह छोटी सी कहानी एक...

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motivational story for students शृंखला की जबरजस्त कहानी है | यह छोटी सी कहानी एक राज्य की है जिसमें एक राजा रहता था | राजा का एक ही इकलौता पुत्र भी था | पुत्र के आचरण खराब थे जिसकी वजह से राजा बहुत परेशान रहते थे |

राजा ने अपने पुत्र को राज्य से क्यों निकला ?

राजकुमार जब 12-13 साल का था तब राजा उसके बुरे आचरण और बुरे बर्ताव से इतना परेशान हो गया कि वह अपने ही बेटे को राज्य से निकाल दिया |

Motivational story for students - एक राजकुमार की कहानी

सारे मंत्री समझाते रह गए, जनता कहती रह गई कि यह हमारे राजकुमार है, हमारे होने वाले राजा हैं |इन्हें राज्य से मत निकालिए | रानी रोती रह गई लेकिन राजा ने किसी की भी नहीं सुनी |

गलती पर पछतावा

कुछ वर्षों के बाद जब राजा बूढ़ा हो गया तब उसे यह एहसास हुआ कि हां अब उसके राज्य को चलाने के लिए कोई ना कोई तो चाहिए | इसलिए राजा अपनी गलती पर पछतावा करता है |

वह अपने मंत्रियों को आदेश देता है कि कुछ भी करो लेकिन किसी भी तरह अब मेरे बेटे को ढूंढ करके लाओ और वही इस राज्य का नया उत्तराधिकारी होगा |

आदेश सुनकर समस्त सुनकर सैनिक, सेनापति, मंत्री सब राजकुमर को ढूढने चल दिए |

राजकुमार की स्थिति

इधर यह राजकुमार कुछ कर नहीं सकता था लेकिन पेट तो पलना ही था | इस वजह से पेट पालने के लिए वह भीख मांगने लगा |

Motivational story for students

भीख मांगते मांगते उसकी स्थिति बहुत खराब हो गई थी | वह कमजोर भी हो गया था | वह फटे पुराने गंदे कपड़े पहन रखे थे | उसकी दाढ़ी बड़ी-बड़ी हो गई थी बाल बड़े-बड़े हो गए थे | उसकी याददास्त कमजोर हो गई थी |

एकबार वह एक चौराहे पर भीख मांग रहा था | तभी सेनापतियो की निगाह इस पर पड़ती है | जब उसके पास पहुंचे तो मंत्रियों को लगा कि इसको कहीं ना कहीं तो देखा है |

राजकुमार की पहचान कैसे हुई

शक के तौर पर जब मंत्रियों ने फोटो से मिलान किया गया तब समझ में आता है कि इसकी आंखें तो एकदम राजकुमार के जैसे थी |

तुरंत हाथ की मिट्टी को हटा कर देखा गया तो हाथ में राज चिन्ह था | अब सबको पता चल गया कि यही राजा के पुत्र हैं | सबने इस भिखारी को प्रणाम किया और सारी बात बताई |

मंत्रियों ने बताया की आप हमारे नए होने वाले राजा हैं | अब आप वापस चलिए राजा ने आपको याद किया है | यह सुनकर वह भिखारी तुरंत उत्तेजित हो गया | उसके सरीर में एक अलग ही ऊर्जा दौड़ने लगी |

उसे अब सबकुछ याद आ चुका था | वह सब को पहचानने भी लगा था | उसे अपने राजकुमार होने का एहसास होता है | उसे जैसे ही एहसास होता है की तुरंत आदेश देता है सबसे पहले मुझे स्नान कराया जाए |

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पल भर में सारा सीन बदल गया | वह पल भर में भिखारी से राजा बन गया | उसे एहसास हो गया कि वह भीख मांगने के लिए नहीं बना | वह अब राज करने के लिए पैदा हुआ है |

अब राजकुमार को बड़े धूमधाम के साथ राज्य में लाया गया और नया राजा बनाया गया | अब देखो की समय की मार ऐसी की इसका जो बुरा आचरण था वह भी अब सुधर चुका था | वह अच्छे राजा की भांति बढ़िया से राज करने लगा |

motivational story for students || कहानी का सार

अगर देखा जाए तो यह कहानी उस राजा के साथ साथ हमारी भी है | हम सब सारी जिंदगी भीख ही तो मांगते रहते हैं | नहीं सोचते कि हम राजा हैं राज करने के लिए पैदा हुए हैं |

नहीं सोचते की हम राजकुमार हैं परम आनंद के अनुभूति के लिए हमारा जन्म हुआ है | क्या आपने इतना कमा लिया उतना कम लिया यही जीवन का सार है ? नहीं |

अपने जीवन का सही मकसद सही उद्देश्य चुनिए और उस पूरा करने में जुट जाइये | साथ ही साथ अपने – अपने उपरवाले को याद करते रहिये और उसका शुक्रिया करते चलिए |

तब आपको मालूम चलेगा और पता चलेगा कि हम मांगते रह गए थे जबकि उसने हमें अपना राजकुमार बना करके भेजा था |

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Short Motivational Story in Hindi For Success-टाटा जी की विनम्रता https://dbtimesnews.com/short-motivational-story-tata-ki-vinamrata/ https://dbtimesnews.com/short-motivational-story-tata-ki-vinamrata/#comments Tue, 30 Apr 2024 14:21:01 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=893 Short Motivational Story in Hindi For Success में हम एक ऐसे नायक की कहानी बताने...

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Short Motivational Story in Hindi For Success में हम एक ऐसे नायक की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे पूरा भारत दिल से बहुत इज्जत देता है |

दिलीप जी कहते हैं की एकबार वह एयर इंडिया की फ़्लाइट से कही जा रहे थे | जब वह बैठे थे तब देखते हैं की फ़्लाइट में मौजूद सभी यात्री उन्हें जानते थे की यह एक जाने माने एक्टर हैं | लेकिन वहां एक ऐसा इंसान भी बैठा था जो उन्हें बलकुल भी पहचान नहीं रहा था |

Short Motivational Story in Hindi For Success

दिलीप बगल में बैठा वह आदमी कभी विंडो से बाहर कभी पेपर पढ़ रहा था | दिलीप जी को लगा की यह कैसा इंसान है ?

थोड़ी देर बाद दिलीप ने खुद ही हाय – हेलो किया | थोड़ी बहुत बात सुरु हुई | फिर पूछा की क्या आप फिल्म्स वगैरह देखते हैं |

आदमी ने उत्तर दिया – ज्यादा तो नहीं लेकिन हाँ कुछ समय पहले एक मूवी देखी थी |

दिलीप जी ने अपना परिचय दिया की वह एक जाने माने एक्टर दिलीप कुमार हैं | उस आदमी ने दिलीप जी को बधाई दिया |

थोड़ी देर में फ़्लाइट लैंड हुई तो फिर से बाय बाय हुआ तो उस दिलीप जी ने उनका परिचय पूछा तो उस आदमी ने बताया की वह उनका नाम जे. आर. डी. टाटा है |

दिलीप जी सोचने लगे की वह कितने खुसनसीब हैं की इस प्लेन के करता धरती के साथ सफर हुआ और इनकी विनम्रता से बहुत प्रभावित हुए |

टाटा जी का यह मानना था की अगर आप समय के पाबंद हैं तो आपको सफलता मिलेगी जरूर और वह इसी उद्देश्य से काम करते थे |

एकबार का किस्सा बहुत फेमश है | स्विटरजरलैंड एयरपोर्ट पर एक ऑफिसर दूसरे ऑफिसर से पूछता है भाई टाइम क्या हुआ है ?

वह बिना घडी देखे बोलता है इस समय 11 बज चुके हैं |

इसने पूछा भाई आपने न घडी देखी न कुछ आपको कैसे पता की 11 बज गए हैं ?

Short Motivational Story in Hindi For Success

दूसरे ऑफिसर ने उत्तर दिया – वो देखो एयर इंडिया का प्लेन आ चुका है यानि 11 बज चुके हैं |

दरअसल स्विटरजरलैंड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का प्लेन 11 बजे ही आता था |

टाटा जी को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला था | भारत के अलावा उन्हें फ्रांस का भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला था |

Short Motivational Story in Hindi For Success कहानी से हमें यह सीख मिलती है की सबसे पहले तो हमे अपने आचरण में विनम्रता लानी होगी |

दूसरा यह की हमें समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए और सही strategy और सही planning के साथ समय से काम करना चाहिए |

ऐसे ही और मोटिवेशनल विडिओ देखने के लिए यहाँ क्लिक करे |

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Short Motivational Story in Hindi For Success-जीवन और लालसा https://dbtimesnews.com/short-motivational-story-jiwan-aur-lalsa/ https://dbtimesnews.com/short-motivational-story-jiwan-aur-lalsa/#comments Mon, 22 Apr 2024 10:51:27 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=873 यह एक Short Motivational Story है जो एक संत की है | संत प्रवचन देने...

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यह एक Short Motivational Story है जो एक संत की है | संत प्रवचन देने के लिए एक नगर से दूसरे नगर जाया करते थे | उनकी खुद की कोई कुटिया नहीं थी |

वह सदैव एक जगह से दूसरी जगह जाया करते , प्रवचन करते और जो भी भिक्षा मिलती उसी से पेट भरते | जीवन में और ज्यादा की कोई इक्षा नहीं थी |

Short Motivational Story in Hindi For Success

एकबार की बात है उनके पास एक आदमी आता है और बोलता है की आप प्रवचन करने जगह – जगह जाते हैं | इस नगर के राजा बहुत ही दानवीर हैं | क्यों न आप उनसे कुछ जमीन ले लेते और वहीँ अपनी कुटिया बना लेते और एकजगह बैठ कर प्रवचन करते |

दान के लिए संत राजदरबार में गए

संत को यह बात अच्छी लगती है | वह दूसरे दिन सुबह – सुबह राजा के दरबार में पहुंच जाते हैं | वह जाते तो सुबह हैं लेकिन उनसे पहले कई सारे लोग दान लेने के लिए पहुंचे रहते हैं |

सभी को दान देने के बाद जब संत का नंबर आता है तो राजा ने इनसे भी पूछा की बाबा आपको क्या चाहिए ?

संत ने उत्तर दिया – मुझे अपनी कुटिया बनाने के लिए और प्रवचन करने के लिए आपके राज्य में कुछ जमीन चाहिए |

राजा ने कहा – आप ने इतने पुण्य का काम हमारे राज्य में चुने हैं ये तो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है | बताइये, आपको कितनी जगह चाहिए ?

राजा का यह प्रश्न अब संत को भ्रम में डाल रहा था | वह सोच में पड गए की एक बीघा जमीन ठीक रहेगा | फिर विचार आया की दो बीघा ले लेते हैं जिसमे कुछ पेड़ भी लगा लेंगे |

Short Motivational Story in Hindi For Success

बस यही सब सोच रहे थे की राजा ने फिर पूछ लिया की महात्मन आपको कितनी जमीन चाहिए ?

राजा ने संत को क्या दान में दिया?

संत अब भी कुछ नहीं बोल पा रहे थे | फिर राजा ने कहा – वह जो मैदान है उसके एक सिरे से चलकर साम तक आप जितने भी दूर चलेंगे वह सारी जमीन आपकी हो जाएगी |

राजा की यह बात सुनकर बिना देर किये संत तुरंत रास्ता नापने के लिए निकल गए | इधर राजा ने अपने कुछ सिपाहियों को भी लगा दिया की रास्ते में जब बाबा को भूख – प्यास वगैरह लगेगी तब खाना और पानी दे देना |

अब संत चले जा रहे हैं | थोड़ी दूर चलने के बाद सिपाहियों ने पूछा बाबा थोड़ा आराम कर लीजिये पानी पी लीजिए , लेकिन उन्होंने कुछ भी खाने पिने से मना कर दिया |

बाबा दौड़ते चले जा रहे थे की रास्ते में उन्हें झील दिखी | उन्होंने सोचा आश्रम में तो झील जरुरी है | उन्होंने दौड़ते हुए झील के भी चक्कर लगाए | उनको राजा की बात भी याद आयी की साम के पहले पहुंचना भी है इसलिए वह दौड़ लगाने लगे |

Short Motivational Story in Hindi For Success-जीवन और लालसा

साम होने से पहले वह अपना रास्ता कबर कर तो लिए थे लेकिन पहुंचते – पहुंचते वह गिर पड़े | और वह ऐसे गिरे की फिर कभी उठ नहीं सके | महात्मा जी मर चुके थे |

कहानी से सीख

यह कहानी उन संत के साथ साथ हम सब की भी है की हम सब और चाहिए और चाहिए की लालसा के पीछे भाग रहे हैं | लेकिन हम यह भूल चुके हैं की असल में जिंदगी दौड़ने भागने का नहीं असल जिंदगी तो जीने का नाम है | इसी तरह की और Short Motivational Story in Hindi Youtube पर देखें | धन्यवाद |

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Success Motivational Story in Hindi-छोटी सी कहानी https://dbtimesnews.com/chhoti-si-kahani/ https://dbtimesnews.com/chhoti-si-kahani/#comments Tue, 09 Apr 2024 09:25:26 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=816 Success Motivational Story in Hindi के सीरीज़ की यह छोटी सी कहानी है की एकबार...

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Success Motivational Story in Hindi के सीरीज़ की यह छोटी सी कहानी है की एकबार एक लड़का पढाई करने के लिए गांव से शहर गया | पढाई में ज्यादा समय लगने लगा लेकिन उसे कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी |

गरीब परिवार से होने के कारण अब पैसों की बहुत तंगी भी थी | उसने सोचा सरकारी नहीं मिल रही है तो नहीं सही, प्राइवेट भी ट्राई कर लेते हैं |

छोटी सी कहानी-Success Motivational Story in Hindi

कई दिन तक इंतजार करने के बाद इंटरव्यू के लिए उसे एक प्राइवेट कम्पनी का फ़ोन आया | इंटरव्यू का लोकेशन इतनी दूर था की सिर्फ जाने में ही उसके कम से कम 500 रुपये लगते थे |

उसने अपनी सारी जमा पूंजी इकठ्ठा की तो महज 50 रुपये ही इकट्ठे हो पाए |

दोस्तों से पहले ही इतना उधार हो गया था की अब उनसे मांगने में भी शर्म आने लगी थी | फिर भगवान का नाम लेकर चल दिया की वही कोई न कोई रास्ता दिखाएंगे | फिर तैयार होकर बस स्टॉप कीओर चल दिया |

पैसे कम होने के कारण कोई भी बस वाला उसे अपनी बस में नहीं बैठाता | लड़का निराश होकर बसअड्डे से बहार आ गया | सामने उसे एक मंदिर दिखाई पड़ती है |

गुस्से में वह भगवान से शिकायत करने चला गया | मंदिर जाकर उसने खूब सुनाया की आखिर आप चाहते क्या हो ?

मंदिर में सारी भड़ास निकाल कर नीचे सीढ़ियों से उतरने लगा तो देखा एक भिखारी बाबा के कटोरे में कुछ पैसे रखे थे | एकबार फिर उसने आसमान में देखकर बुदबुदाया की मुझसे ठीक तो भिखारी है | उसके पास कुछ पैसे तो हैं |

छोटी सी कहानी-Success Motivational Story in Hindi

भिखारी ने लड़के से पूछा – क्या बात है ? कुछ परेशान से दिख रहे हो ! क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ ?

लड़के ने कहा – आप मेरी क्या मदद कर पाओगे बाबा | आप तो खुद ही मांग रहे हो और सारी कहानी बताई |

भिखारी ने कहा – देखो बेटा, सारे दिन मंदिर के बाहर बैठा रहता हूँ इसलिए यहाँ से मिलने वाले प्रशाद से पेट भर जाता है | जो पैसे मिलते हैं उनसे दवाइयों का प्रबंध हो जाता है | अगर इन पैसों से तुम्हारा काम हो जाता हो तो जो भी पैसे चाहिए ले सकते हो |

लड़के ने कहा अरे नहीं बाबा आप से पैसे कैसे ले सकता हूँ ?

भिखारी ने कहा – कोई बात नहीं बेटा, उधर समझ कर ले लो | जब तुम्हारी नौकरी लग जाये तब बाद में लौटा देना |

लड़के ने कहा – हाँ , यह ठीक है | पैसे लिया और अपने इंटरव्यू के लिए चला गया |

इंटरव्यू ठीक हुआ और उसका सिलेक्शन भी हो गया | घर वापस लौटते समय लड़के ने सोचा अब सलेक्शन भी हो गया है | पैसे वापस तो बाद में देना है लेकिन जिसकी वजह से यह नौकरी मिली है अभी तो जाकर उनका धन्यवाद कर दूँ |

लड़का मंदिर के पास गया | देखा की वहां भीड़ इकठ्ठा हुई है और बाबा की मृत्यु हो चुकी है | लड़के को बहुत दुःख हो रहा था | भीड़ में कुछ लोग बोल रहे थे आज इन्होने समय से दवा नहीं खाई इसलिए चल बसे | सायद पैसे नहीं रहे होंगे | कुछ बोल रहे थे गरीबी में जी रहे थे बढ़िया हुआ जो भगवान ने इन्हे उठा लिया |

छोटी सी कहानी

लड़का बेबस खड़ा सोच रहा था हे उपरवाले ! तूने किसी की जिंदगी सवारने के चक्कर में किसी और की जिंदगी दांव पर लगा दी |

यह छोटी सी कहानी वह बात सिखाती है की हमें लोगों की मदद करती रहनी चाहिए | अगर हम सब एक दूसरे की निःस्वार्थ मदद करते रहेंगे तो ऊपरवाला आपकी मदद जरूर करेगा |

इसी तरह की और Success Motivational Story in Hindi पढ़ने के लिए कृपया  यहाँ क्लिक  करें | धन्यवाद |

For More Videos:- https://www.youtube.com/watch?v=sFaT_vnONEo

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दूसरों की बुराई दिखती हो तो – success motivational story in hindi https://dbtimesnews.com/dusaron-ki-burai-motivational-story/ https://dbtimesnews.com/dusaron-ki-burai-motivational-story/#respond Sat, 23 Mar 2024 11:58:53 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=747 अगर आप भी दूसरों की ही बुराइयों को देखते हैं या दूसरों की बुराई दिखती...

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अगर आप भी दूसरों की ही बुराइयों को देखते हैं या दूसरों की बुराई दिखती है तो यह कहानी जरूर सुन लेना | एक बार की बात है एक शिष्य अपनी शिक्षा को खत्म करके घर जा रहा था | जाते समय गुरु जी ने उसे एक दर्पण दिया और कहा कि यह एक ऐसा दर्पण है जो लोगों की बुराइयों को बता सकते हो |

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लड़का बहुत खुश हुआ और दर्पण ले लिया | उसने सोचा इस दर्पण का परिणाम पहले गुरुजी पर ही क्यों ना देखा जाए | लड़के ने ज्यों ही देखा उसने देखा कि गुरुजी के अंदर अभी भी कुछ अहंकार और क्रोध है |

उसे आश्चर्य हुआ कि गुरुजी के अंदर ऐसा अवगुण | हालांकि गुरु थे इसलिए उसने कुछ नहीं पाया और दर्पण लेकर आगे बढ़ गया |

रास्ते में उससे उसका पुराना दोस्त मिलता है | लड़के ने कहा देखो गुरु जी ने मुझे यह दर्पण दिया है दोस्त ने जैसे ही दर्पण में देखा लड़के ने तुरंत पढ़ लिया कि उसके मन में काम, क्रोध, लोभ भरा पड़ा है | लड़का थोड़ा सा अचंभित हुआ कि जिसको मैं अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता था उसी के मन में इतनी गंदगी भरी है |

हालांकि लड़के ने सोचा दोस्त ही तो है | सोचा चलो कोई नहीं दुनिया के में दो चार परसेंट ऐसे लोग होंगे फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा | लड़का फिर अपने घर की ओर चल दिया |

रास्ते में एक बनिए की दुकान दिखाई दी | लड़के के घर पर इसी बनिए के यहां से सारा सामान जाता था | लड़के ने सोचा क्यों ना इसका भी मन पढ़ा जाए | लड़के ने बनिए से कहा देखो दादा गुरु जी ने मुझे बहुत अच्छा दर्पण दिया है |

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यह कहकर लड़का बनिए की तरफ दर्पण करता है | जैसे ही बनिया दर्पण में देखा की शिष्य ने सारे गुण अवगुण पढ़ लिया | बनिए के मन में और भी अवगुण छल, कपट, बेईमानी भरी थी | लड़का सोच में पड़ गया कि हम सब इसे खामखा ईमानदार समझ रहे थे | यह तो बहुत ही बेईमान निकला |

अब लड़के का मन दुनिया से थोड़ा उचट गया | सोचने लगा लोगों में इतनी बुराइयां भरी हैं | फिर उसने सोचा चलो यह सब तो अपने हैं ही नहीं |इनके गुण अवगुण से हमको क्या लेना देना | मेरे घर वाले मेरे मां-बाप तो सही है, ठीक है |

यह सोचकर वह घर में अपने पिताजी के पास जाता है | मन में शंका बस वह उन्हें दर्पण दिखता है और उनका अवगुण देखकर एकदम उदास हो जाता है |

फिर वह मां के पास जाता है और सोचता है की मां तो अपने बच्चों से कोई कपट नहीं रखती | यह सोचकर मां को दर्पण दिखता है | माँ के अवगुण देखकर अबकी बार वह एकदम टूट जाता है |

वह तुरंत दर्पण लेकर गुरु जी के पास वापस जाता है | बोलता है गुरुजी आपने यह कैसा दर्पण दे दिया है इसमें तो सबके अंदर बुराइयां ही दिखती हैं | अबकी बार वह इतना उदास हो चुका था कि वह गुरु जी के बारे में भी सब बक दिया |

उसने बोल दिया कि गुरुजी आपके अंदर भी दोष है | यह सुनकर गुरुजी हंस पड़े और बोले ठीक है हम सबके अंदर, पूरी दुनिया में हर इंसान के अंदर दोष है | लेकिन एक बार तुम अपनी भी शक्ल तो उसमें देख लो |

लड़के ने जैसे ही अपना चेहरा दर्पण में दिखा वह एकदम से आश्चर्यचकित हो गया | उसके अंदर इन सबसे ज्यादा बुराइयां दिखाई दी |

दूसरों की बुराई दिखती हो तो

तब गुरु जी ने बताया कि बेटा मैंने तुमको यह दर्पण इसलिए दिया था कि पहले तुम अपना चेहरा देखकर अपने अंदर के अवगुण को दूर करो तब कहीं दूसरों के अवगुण को देखो दूसरों की बुराई को देखो | और उनके अवगुण को दूर कर सको | लेकिन यह तो तुम अपने दोष को, अपने अवगुण को देखने से पहले ही लोगों के अवगुण को देखने लगे |

अबकी बार शिष्य सब कुछ समझ चुका था | उसे समझ आ गया था की दूसरों की बुराई देखने से पहले, दूसरों की कमियों को देखने से पहले अपनी कमियों को भी एकबार जरूर देखना चाहिए | वह गुरु जी के पैर छुए और निकल गया |

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जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी – मजाक उड़ाने का नतीजा https://dbtimesnews.com/majak-udane-ka-natija/ https://dbtimesnews.com/majak-udane-ka-natija/#respond Tue, 05 Mar 2024 13:03:06 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=721 यह बेहद दिलचस्प और अद्भुत कहानी है जो दर्शाती है मजाक उड़ाने का नतीजा क्या...

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यह बेहद दिलचस्प और अद्भुत कहानी है जो दर्शाती है मजाक उड़ाने का नतीजा क्या होता है इसी पर आधारित है | एकबार की बात है समुद्र के पास हंसों का एक झुण्ड विहार कर रहा होता है | इन सबको एक कौवा देख रहा था |

कौवा को सरारत सूझती है और वह उन हंसों के पास जाता है और बोलता है तुम लोग तो सही से उड़ भी नहीं पाते हो | इसतरह की खूबसूरती भी किस काम की कि उसमे फुर्ती नाम की कोई चीज भी ना हो |

जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी - मजाक उड़ाने का नतीजा

एक बुजुर्ग हंस बात को आगे न बढ़ाते हुए बोला – हाँ भाई बात सही है , हम लोग सही से उड़ भी नहीं पाते हैं और भगवान ने आपको क्या फुर्ती दी है | मैंने देखा है आपको, कैसे आप उड़ते – उड़ते गुलाटी भी मार लेते हो | हम सब से नहीं हो पाता |

यह सुनकर कौवे को घमंड हो गया | वह बोला ऐसे नहीं | पहले आओ कुछ करतब करते हैं तब पता चलेगा जो मैं कर सकता हूँ उसमे तुम कितने पीछे रहते हो |

बुजुर्ग हंस बोलता है अरे नहीं भाई , तुम्हारा और हमारा कोई औचित्य नहीं बनता की हम तुमसे कोई मुकाबला करें | मैं मान तो रहा हूँ ना की तुम्हारे जितनी फुर्ती हममे नहीं है | हम तुमसे नहीं जीत सकते |

अब कौवे को और घमंड हो गया | वह जिद करने लगा की बस एक मुकाबला कर ही लो |

यह सब देख कर एक जवान हंस ने उसका चैलेन्ज स्वीकार करते हुए बोला ठीक है तुम जैसे करोगे वैसे मैं करने को तैयार हूँ लेकिन जैसे मैं करूँगा तुम्हे भी वैसे करना पड़ेगा |

कौवे ने हसकर चुनौती को स्वीकार कर लिया |

मुकाबला सुरु हुआ | कौवा उड़ते – उड़ते खूब गुलाटी मारता है | हंस नहीं कर पाता है और वह हार जाता है |

अब बारी थी की हंस जैसा करे ठीक वैसे कौवे को करना है |

फिर हंस समुद्र के ऊपर उड़ने लगा | पीछे पीछे घमंड में चूर कौवा भी उड़ने लगा |

उड़ते उड़ते कौवे को प्यास लगी | नीचे समुद्र में पानी पीने गया लेकिन पानी खारा होने की वजह से नहीं पी पाया | वह फिर उड़ने लगा | उसे अब बहुत थकाई भी लगने लगी थी | वह सोचने लगा अगर वह मुकाबला बीच में छोड़कर वापस लौटता है फिरभी किनारे तक नहीं पहुंच पायेगा |

जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी - मजाक उड़ाने का नतीजा

कौवे को अपनी गलती का एहसास हो गया | वह बहुत पछताने लगा | वह सोचने लगा अब तो मरना तय है | वह हंस से अपनी गलती मानता है और अपने जीवन की रक्षा की गुहार लगाता है |

हंस को दया आ जाती है | फिर वह कौवे को अपनी पीठ पर बैठाकर झुण्ड के पास वापस लाता है |

कहानी का निस्कर्स यह है की किसी को किसी और का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए | मजाक उड़ाने का नतीजा बहुत ही बुरा होता है | हर कोई के पास सब कुछ नहीं होता | सब को एक दूसरे की इज्जत करनी चाहिए |

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मनुष्य के जीवन का महत्व – एक प्रेरक कहानी https://dbtimesnews.com/manushya-ke-jiwan-ka-mahatw/ https://dbtimesnews.com/manushya-ke-jiwan-ka-mahatw/#respond Sat, 24 Feb 2024 13:49:58 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=705 अगर आप किसी दूसरे की कमजोरी पर हंस रहे हैं तो हंसने से पहले इस...

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अगर आप किसी दूसरे की कमजोरी पर हंस रहे हैं तो हंसने से पहले इस प्रेरक कहानी को जरूर पढ़ लेना | यह कहानी बताती है की कैसे हर एक मनुष्य के जीवन का अपना महत्व है |

आपकी समझ में जिसके जीवन का कोई मोल नहीं है वास्तव में कुछ जगहों पर उसका अपना ही वजूद और महत्व है |

बिजनेसमैन साइट देखने कैसे गया ?

एक बार की बात है एक बिजनेसमैन को अपनी फैक्ट्री लगानी रहती है इसलिए साइट को देखने के लिए एक गांव जाता है |

उस गांव में जाने के लिए एक नदी पार करनी पड़ती थी | हलाकि दूसरा रास्ता भी था लेकिन वह इतना दूर था की गांव पहुंचने में उसे दस से बारह घंटे का समय ज्यादा लग जाता | उसे वापस अपने घर ( शहर ) भी आना था इसलिए वह सोचता है की किसी नाव की सहायता से गांव पहुंच जाये |

मनुष्य के जीवन का महत्व - एक प्रेरक कहानी

फिर एक नाविक को ढूंढता है | नाविक आता है और बिजनेसमैन उस नाव में सवार होकर जाने लगता है | रास्ते में जा रहा होता है तब बिजनेसमैन उस नाविक से पूछता है कि तुम्हें पता है तुम्हारे नाव में कौन बैठा है ?

क्या नाविक अखबार पढ़ सकता है ?

नाविक बोलता है नहीं साहब मुझे नहीं पता |

बिजनेसमैन बोलता है – तुम अखबार नहीं पढ़ते हो क्या ? हर दो तीन दिन में एक बार मेरी फोटो आती रहती है |

नाविक ईमानदारी से बोला – नहीं साहब, मैं पढ़ा – लिखा नहीं हूँ |

यह सुनकर बिजनेसमैन आश्चर्य से देखता है और बोलता है – क्या तुम पढ़े – लिखे नहीं हो ! बिना पढाई – लिखाई के भी कोई जीवन है | तुम अपनी जिंदगी गवां दिए |

नाविक एकदम उदास हो जाता है |

मनुष्य के जीवन का महत्व - एक प्रेरक कहानी

थोड़ी देर के बाद बिजनेसमैन उस नाविक से फिर कहता है – क्या तुम्हे पता है, मैं तुम्हारे इस गांव में एक पानी की फैक्ट्री लगा रहा हूं |

नाविक शहर नहीं गया !

नाविक पूछता है – उससे क्या होगा साहब ?

बिजनेसमैन बोलता है – तुम्हारे गांव में पानी बनाकर शहर में जायेगा | शहर के लोग इसे बड़ी शान से पिटे हैं | फिर बिजनेसमैन पूछ लेता है – क्या तुम कभी शहर गए हो ?

नाविक बताता है – नहीं साहब , मैं कभी अपने इस गांव से बहार नहीं गया |

अबकीबार बिजनेसमैन हसने लगता है और बोलता है – तुमने कभी शहर नहीं देखा | कैसे के इंसान हो यार | तुम अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते | तुम्हारा आधा जीवन तो व्यर्थ ही चला गया |

अब नाविक को सचमुच लगने लगा की उसका जीवन तो व्यर्थ है |

बिजनेसमैन को गलती पर पछतावा

जैसे ही उसकी सोच बदली और नाव चलाने से उसका ध्यान भटका की नाव का संतुलन बिगड़ गया | वह बहुत सम्हालने की कोसिस की लेकिन नाव नहीं सम्हली | अब नाव पानी में डूबने लगी |

वह तुरंत नदी में उतर गया और बिजनेसमैन से कहा – अभी नाव में ही क्यों बैठे हो साहब ? नाव डूबने वाली है और हम दोनों को तैरकर ही किनारे तक पहुंचना होगा |

बिजनेसमैन बोलता है – मुझे तो तैरना नहीं आता |

नाविक जोर- जोर से हसने लगता है और बोलता है क्या साहब आपको तैरना नहीं आता | तब तो आपका सारा जीवन व्यर्थ हो गया |

जीवन का महत्व - एक प्रेरक कहानी

बिजनेसमैन को अपने मजाक पर बहुत पछतावा होने लगा | वह नाविक से गिड़गिड़ाने लगा की किसी तरह उसे बचा ले बदलेमे चाहे जितना पैसे ले ले |

बिजनेसमैन की यह स्थिति देखकर नाविक बोलता है घबराइए नहीं साहब मुझे नाव चलाने के साथ- साथ डूबता लोगों को बचाना भी आता है | मुझे कोई अलग से पैसे नहीं चाहिए | और बिजनेसमैन को बचा लेता है |

कहानी का सार

कहानी का सार यह है की हर एक मनुष्य के पास सब ज्ञान नहीं होता | हर एक मनुष्य के जीवन का महत्व अलग – अलग होता है | कोई किसी चीज में निपुण है तो कोई किसी और चीज में | इसलिए हमें दूसरों पर नहीं हसना चाहिए |

और अधिक मोटिवेशनल वीडियो के लिए कृपया हमारे यूट्यूब चैनल पर जाएँ| धन्यवाद |

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एक कहानी मिलकर रहने की – बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी https://dbtimesnews.com/kahani-milkar-rahne-ki/ https://dbtimesnews.com/kahani-milkar-rahne-ki/#respond Tue, 20 Feb 2024 05:18:37 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=665 यह बेस्ट मोटिवेशनल कहानी मिलकर रहने की सकारात्मकता को दिखाता है | कहानी ऐसी है...

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यह बेस्ट मोटिवेशनल कहानी मिलकर रहने की सकारात्मकता को दिखाता है |

कहानी ऐसी है की एक आदमी को जानवर और पक्षी पालने का बहुत शौक था | वह उन्हें पालता और उचित दाम मिलने पर बेचता जिससे उसका गुजारा चलता था |

आदमी के परेशानी का कारण क्या था ?

एक बार की बात है उसके पास तब एक तोता , एक मुर्गा और एक बकरा बचा था | वह सोच रहा था की जिसको भी उधर दिया है उनसे पैसे मिल जाते तो किसी दिन शहर से और कुछ जानवर ले आये |

इन्ही बीच उसके घर में एक चूहा आ गया |

एक कहानी मिलकर रहने की

सब कुछ तो ठीक था लेकिन वह आदमी चूहे की हरकत से बहुत परेशान हो गया था | क्योकि वह कोई भी सामान कुतर देता था और पता चलने पर बीवी बहुत चिल्लाती थी |

हद तो तब हो गई जब चूहे ने एकदम नई साड़ी कुतर दी जो अभी दो दिन पहले उस आदमी ने अपनी बीवी को उपहार स्वरुप दिया था |

बीवी देखते ही गुस्से से पागल हो गई और बोली कि अगर इस चूहे को नहीं भगा सकते तो मुझे घर से भगा दो मैं चली जाऊंगी |

आदमी भी बहुत परेशान था अंततः वह एक चूहा पकड़ने की चूहेदानी लाता है |

चूहे की मदद कौन करता है ?

अब आदमी सोचता है कि इस चूहे को भगा करके ही दम लेना है | चूहेदानी को देखकर चूहा बहुत परेशान हो गया |

वह तोते के पास गया बोला कि तुम मेरी कुछ मदद करो नहीं तो ये मुझे पिंजरे में बंद कर देंगे | तोता बोला तुम्हारी परेशानी से मुझे क्या लेना देना | जाओ यहाँ से मई तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता |

फिर वह मुर्गे के पास गया बोला मेरी मदद करो | मुझे बचा लो | मुर्गा बोला तुम्हारी प्रॉब्लम तुम जानो और उसने भी मदद करने से मना कर दिया |

फिर वह मदद मांगने बकरे के पास गया | बकरा भी यही बोला कि यह गलती करने से पहले तुमको सोचना चाहिए था | तुम गलती किए हो उसमें मैं क्या कर सकता हूं |

मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता और हाँ ,जो तुम यहां से नहीं गए तो मैं भी फंस जाऊंगा |

एक कहानी मिलकर रहने की

अंत में वह एकदम उदास मन से अपनी बिल में दुबक गया |

रात हो गई थी | सब सो रहे थे की औरत को खट की जोर से आवाज सुनाई पड़ती है |

औरत की तबियत ख़राब कैसे हुई ?

वह सोचती है कि चूहा तो अब चूहा दानी में फंस गया | वह जल्दी-जल्दी में चूहेदानी के पास जाती है | अंधेरा होने की वजह से वह कुछ देख नहीं पाती है लेकिन उसे कुछ काट लेता है |

उँजाला कर के देखा तो सब के होस उड़ गए थे | दरअसल वह चूहा नहीं था एक जहरीला सांप था |

वह सांप चूहा को खाने के लिए आया था और चूहे को ना खा पाया वह चूहेदानी में जाकर फंस गया | सांप ने काट लिया है तो अब जल्दी जल्दी औरत को अस्पताल लेकर के जाया गया कि अगर इसका सही से उपचार न किया जाए तो यह मर जाएगी |

किसकी बलि कब दी गई ?

अस्पताल जाने के बाद डॉक्टर ने बोला कि यह ठीक हो जाएगी अगर इस तोते का सूप पिला दिया जाए | अब आदमी सोचा कि कहां जाकर के मैं तोते का सूप खरीदूं ? इससे बढ़िया यही घर में एक तोता है उसी का सूप बनाकर पिला दिया जाए |

अब औरत की हालत सुधरी और वह घर आ गई थी | उसे देखने के लिए मेहमानों का आना-जाना लग गया | एकदिन मेहमान आ गए तो उनके खाने के इंतजाम में मुर्गे की बलि दे दी गई |

कुछ दिन और बीतता है | औरत अब एकदम से स्वस्थ हो गई | व्यक्ति ने सोचा जब सब ठीक हो गया है तो छोटी पार्टी भी हो जाये | अबकी बार पार्टी में बकरे की बलि चढ़ गई |

यह सब चूहा देख रहा था | वह सोच रहा था काश उस दिन मेरी मदद किसी ने भी कर दी होती तो सायद यह दिन किसी को न देखना पड़ता |

एक कहानी मिलकर रहने की

कहानी से सीख

छोटी सी कहानी मिलकर रहने की है जो यह बताती है की जीवन में अगर हम सबके साथ रहेंगे तो सब कुछ ठीक रहेगा | हर एक समस्या का समाधान मिल सकता है |

नहीं तो एक एक कर सब टूटता चला जायेगा और हम हाथ पर हाथ रखे रह जायेंगे | एक कहावत है न की ” अपने सिर्फ़ वो नहीं होते जो तस्वीरों में साथ खड़े होते हैं बल्कि अपने तो वो होते हैं जो तकलीफों में साथ खड़े होते हैं |”

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मोटिवेशनल स्टोरी – कर भला तो हो भला https://dbtimesnews.com/kar-bhala-to-ho-bhala/ https://dbtimesnews.com/kar-bhala-to-ho-bhala/#comments Sun, 11 Feb 2024 09:46:35 +0000 https://dbtimesnews.com/?p=643 ” कर भला तो हो भला ” की कहावत पर आधारित यह एक मोटिवेशनल स्टोरी...

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” कर भला तो हो भला ” की कहावत पर आधारित यह एक मोटिवेशनल स्टोरी है | एकबार की बात है किसी व्यक्ति की एक गांव में टीचर की सरकारी नौकरी लगती है | वह स्कूल से चार पांच किलोमीटर दूर शहर में एक कमरा ले लेता है | वहीँ से वह हर दिन वह स्कूल आया और जाया करता था |

शुरुआत में उसके पास इतने पैसे नहीं थे की वह कोई गाड़ी ले सके इसलिए वह स्कूल पैदल ही आया जाया करता था | कभी कभी आते जाते कोई से लिफ्ट मिल जाती और कभी कभी उसे पैदल ही यात्रा करनी पड़ती |

कर भला तो हो भला

कुछ समय के बाद जब उसकी सैलरी आई तो सबसे पहले उसने एक गाड़ी ख़रीदा और गाड़ी से आने जाने लगे | आते जाते समय उन्हें जो भी पैदल व्यक्ति मिलता उसको अपनी गाड़ी पर बैठा लेते | वह सभी को लिफ्ट दिया करते थे क्योंकि एक समय में वह भी किसी गाड़ी वाले की लिफ्ट का इंतजार कर रहे होते थे |

स्कूल के रास्ते गांव के सभी आने जाने वाले लोग इन मास्टर जी का इंतजार कर रहे होते थे की अब मास्टर जी आएंगे और उन्हें लिफ्ट मिल जाएगी | ऐसा होता भी था | हरदिन मास्टर जी अपनी गाड़ी पर किसी न किसी को बैठा कर ले आते और ले जाते | गांव के लगभग सभी लोग उनकी गाड़ी को पहचानते थे |

सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक बार एक आदमी उनकी गाड़ी पर बैठता है | थोड़ी दूर जाने के बाद वह उनके पेट पर चाकू लगा देता है | बोलता है कि अब यह गाड़ी तुम मुझे छोड़ करके भाग जाओ | मास्टर जी समझ जाते हैं की उनकी गाड़ी चोरी हो गई है |

मास्टर जी उस व्यक्ति से बोलते हैं कि ठीक है मेरी गाड़ी ले जाओ लेकिन मेरी एक बात मान लेना | यह बात किसी से मत बताना कि इस रास्ते में मैंने गाड़ी चुराई है | मैं भी किसी से नहीं बताऊंगा नहीं तो लोग यहां पर किसी जरूरतमंद को अपनी गाड़ी पर बैठना बंद कर देंगे |

कर भला तो हो भला

फिर वह पैदल स्कूल गए और स्कूल से पैदल ही अपने घर आ गए | कमरे पर आने के बाद वह सोचते हैं कि भगवान यह आपने क्या किया ? अभी पिछले महीने ही एक गाड़ी खरीदी और उसे भी छीन लिया |

भगवान को कोसकर वह सो गए लेकिन सुबह जब वह उठाते हैं तो देखते हैं कि उनकी गाड़ी उनके घर के सामने खड़ी है | उस पर एक पर्ची चिपकी हुई है | पर्ची फाड़कर वह देखते हैं कि क्या लिखा है तो वह उस चोर की पर्ची थी |

गाड़ी चोर ने लिखा था कि गाड़ी लेकर मैं इसे बेचने कबाड़ी के पास गया तो गाड़ी खड़ी करते ही कबाड़ी वाला बोलता है कि यह तो मास्टर साहब की गाड़ी है | तुम इसका क्या कर रहे हो ? यह तुम्हारे पास कैसे आई ?

कुछ बहाना बनाकर वहां से मैं जैसे ही आगे गया की भूख लगी थी | सोचा कि कुछ खा ले | होटल पर रुका तो होटल वाला बोलता है यह तो मास्टर साहब की गाड़ी है | तुम्हारे पास कैसे आई ?

उसे बहाना बनाकर आगे निकला कि उन्होंने मुझे कुछ सामान लेने के लिए भेजा है जैसे ही आगे बढ़ा की पुलिस ने चेकिंग लगा रखी थी | पुलिस वाले ने जैसे ही मुझे देखा तुरंत उसने भी पूछा यह तो मास्टर साहब की गाड़ी है | यह तुम्हारे पास कैसे आ गई ?

किसी तरह से बहाना बनाकर बच बचा कर वहां से निकाला | लेकिन यह गाड़ी तुम्हारी है और तुम्हें ही मुबारक और अगर यह आफत में अपने सर लेता तो मुझे लेने के देने पड़ जाते | अब मास्टर जी भगवान को बहुत धन्यवाद दे रहे थे |

कर भला तो हो भला

मास्टर जी सोच रहे थे वाह उपरवाले तेरी महिमा तो निराली है | मैंने किसी के साथ कुछ गलत नहीं किया था सायद इसी लिए प्रभु ने मेरी मदद की और मेरी गाड़ी मुझे मिल गई |

कहानी का सार यह है कि कर भला तो हो भला | यानि की अगर हम सब का भला चाहते हैं तो ऊपर वाला कुछ भी करें हमारे साथ बुरा नहीं होने देगा |

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